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जानिए भारत के कितने किसानों पर कितना कर्जा है और किन- किन बैंकों से है

जानिए भारत के कितने किसानों पर कितना कर्जा है और किन- किन बैंकों से है

वर्तमान समय में भारत के समस्त प्रकार के बैंकों का तकरीबन 16 करोड़ किसानों पर 21 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। इन 16 करोड़ किसानों पर इस कर्ज को समान हिस्सों में विभाजित कर दिया जाए तो प्रति किसान कर्ज 1.35 लाख रुपये हो जाएगा। सवाल इतना भर नहीं है, कि देश की सरकार ने किसानों का बीते 9 सालों में कितना कर्ज माफ किया। सवाल ये भी नहीं है, कि राज्य की क्षत्रप सरकारों ने भी किसानों को कर्ज से राहत दी या नहीं। सवाल इस बात का भी नहीं है, कि इस दौर में सरकार ने कॉरपोरेट का कितना कर्ज माफ कर दिया है? सवाल तो यह है, कि वर्तमान समय में भारत का किसान कितना कर्जदार है। ये कर्ज केवल कुछ हजार में नहीं लाखों में है। जब आप नाबार्ड के डाटा को खंगालने की कोशिश करेंगे तो पाएंगे कि मौजूदा वक्त में भारत के सभी प्रकार के बैंकों का लगभग 16 करोड़ किसानों पर 21 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। इन 16 करोड़ किसानों पर इस कर्ज को समान रूप से बांट दिया जाए तो प्रति किसान कर्ज 1.35 लाख रुपये हो जाएगा।

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11.9 लाख किसानों का कर्ज माफ कर रही है शिवराज चौहान सरकार, बनाई गई है लिस्ट आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि हाल ही में वित्त मंत्रालय ने एग्रीकल्चर लोन पर पूछे गए सवाल का जवाब देने के लिए इस पूरे ब्योरे को समक्ष रखा। जो आंकड़ें प्रस्तुत किए गए जो उसका सोर्स था वो नाबार्ड थी। चलिए आज पटल पर रखे उन आंकड़ों को बारीकी के साथ देखने का प्रयास करते हैं और समझते हैं, कि आखिर भारत के किसानों पर किस वर्ग के बैंक का कितना कर्जा है।

किसानों पर सबसे ज्यादा कर्ज प्राइवेट-सरकारी बैंकों से है

प्रारंभ तो आज मेन स्ट्रीम बैंकों के साथ होना चाहिए, जिनमें भारत के प्राइवेट और सरकारी दोनों बैंक शम्मिलित हैं। कमर्शियल कैटेगिरी के बैंकों से भारत के 10.80 करोड़ किसानों ने कर्जा लिया है, जिनका कुल कर्ज 16.40 लाख करोड़ रुपये है। अगर इसका औसत निकाला जाए तो हरेक किसान पर 1.51 लाख रुपये से ज्यादा का कर्ज निकलेगा, जोकि कुल औसत से अधिक है।

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किसानों पर को-ऑपरेटिव बैंकों का कर्ज भी कम नहीं है

साथ ही, दूसरी तरफ को-ऑपरेटिव बैंकों के लोन की बात की जाए तो रिपोर्ट में साफ तौर पर लिखा है, कि भारत के 2.67 करोड़ किसानों ने कर्ज लिया है। जिन पर इन बैंकों का 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है। मुख्य बात तो यह है, कि 37 राज्यों में 9 राज्यों के किसानों ने इन बैंकों से कोई भी कर्जा ही नहीं लिया। इसका अर्थ है, कि यह आंकड़ा केवल 28 राज्यों का ही है। यदि इस कर्ज को किसानों में विभाजित कर बांट दिया जाए तो 75,241.35 रुपये प्रति किसान कर्ज बन रहा है।

किसानों पर रीजनल बैंकों के कर्ज का भी भार

वहीं, दूसरी ओर रीजनल बैंकों की बात की जाए तो 9 राज्य ऐसे हैं, जिनके किसानों ने इन बैंकों से कर्ज नहीं लिया। परंतु, लोन के मामले में को—ऑपरेटिव बैंकों के कर्ज के आंकड़ें को पीछे छोड़ दिया। भारत के 27 राज्यों के लगभग 2.76 करोड़ किसानों ने रीजनल बैंकों से 2.58 लाख करोड़ रुपये का लोन ले रखा है। यदि इस कर्ज को सभी किसानों में विभाजित कर दिया जाए तो प्रत्येक किसान पर 93,657.29 रुपये का कर्ज होगा।

सबसे ज्यादा कर्जा यूपी-राजस्थान के किसानों पर

राज्यों की बात करें तो सर्वाधिक कर्जा राजस्थान के किसानों पर है। आंकड़ों के मुताबिक, 99.97 लाख किसानों ने बैंकों से कर्जा लिया है। इस लोन की धनराशि 1.47 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की है। उत्तर प्रदेश की बात की जाए तो यहां पर 1.51 करोड़ किसानों ने बैंकों से कर्ज लिया है और कर्ज की धनराशि 1.71 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। गुजरात में भी 47.51 लाख किसानों ने भी कर्ज लिया है, जो कि एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का है।
इस राज्य सरकार ने स्वतंत्रता दिवस पर किसानों का कर्ज माफ किया

इस राज्य सरकार ने स्वतंत्रता दिवस पर किसानों का कर्ज माफ किया

हिंदुस्तान के इस बार 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस पर राज्य सरकार ने किसानों को बड़ी खुशखबरी प्रदान की है। यदि आप भी तेलंगाना के किसान हैं, तो आपको भी कर्ज से आजादी मिल गई है। तेलंगाना सरकार ने स्वतंत्रा दिवस के अवसर पर किसानों को 5,809.78 करोड़ रुपये का तोहफा दे दिया है। भारत भर में केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकार की ओर से किसानों को समय-समय पर विशेष तोहफा दिया जाता रहा है। इस बार 15 अगस्त पर राज्य सरकार ने किसानों को बड़ी खुशखबरी प्रदान की है। यदि आप भी किसान हैं, तो आपको भी कर्ज से आजादी मिल गई है। तेलंगाना सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर किसानों को 5,809.78 करोड़ रुपये का तोहफा प्रदान किया है। राज्य सरकार ने 9 लाख से अधिक किसानों को 1 लाख रुपये तक का एग्री लोन माफ करने का निर्णय लिया है।

किसानों का 1 लाख से कम का कर्जा माफ किया

मीडिया खबरों के अनुसार, राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा है, कि 1 लाख रुपये से कम कर्जा वाले कृषकों के कर्ज को माफ किया जा रहा है। राज्य सरकार ने 99,999 रुपये तक के कर्ज का भुगतान बैंकों को करने का फैसला किया जाएगा।

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पुनः सरकार बनने पर वादा किया था

तेलंगाना सरकार का कहना है, कि 9,02,843 किसानों के लिए 5,809.78 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं, जिसके पश्चात किसानों के नाम से ये पैसा तुरंत जमा कर दिया जाएगा। 2018 में निरंतर दूसरी बार सत्ता में आने के बाद में राज्य सरकार ने 1 लाख रुपये की फसलीय लोन को माफ करने का वादा किया था।

जानिए कितने किसानों को लाभ मिला है

बतादें, कि राज्य के मुख्यमंत्री ने 2 अगस्त को किसानों की कर्ज माफी की योजना को पूरा करने का निर्णय लिया था, जिसको सरकार ने पूरा कर दिया है। 50,000 रुपये तक का कर्जा लेने वाले 7,19,488 किसानों के मामले में बैंकों को 1,943.64 करोड़ रुपये का भुगतान किया। इसके अतिरिक्त 99,999 रुपये तक की कर्ज राशि को निपटाने के लिए नए आदेश जारी किए गए। कुल 16,66,899 किसानों को इसका लाभ प्राप्त हुआ है।
प्रियंका गांधी ने फसल एमएसपी की गारंटी और कर्ज माफी का ऐलान किया

प्रियंका गांधी ने फसल एमएसपी की गारंटी और कर्ज माफी का ऐलान किया

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने तेलंगाना में चुनाव प्रचार के दौरान एक बड़ी घोषणा कर ड़ाली है। उन्होंने कहा है, कि तेलंगाना राज्य के किसान कर्ज की वजह से काफी ज्यादा परेशान हैं। क्योंकि उन्हें वर्तमान सरकार की तरफ से किसी तरह की कोई सहायता नहीं मिल रही है। प्रियंका गांधी ने जनता और विशेषकर राज्य के कृषकों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि तेलंगाना में विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करके कांग्रेस सरकार बनाती है, तो किसानों को फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी मिलेगी। यदि कांग्रेस तेलंगाना में अपनी सरकार बना लेती है, तो किसानों को धान का एमएसपी 2500 रूपये प्रति क्विंटल , सोयाबीन के लिए 4,400 रुपए, मक्का के लिए 2,200 रूपए , गन्ना के लिए 4000 रुपए, अरहर के लिए 6700 रुपए और कपास के लिए 6500 रुपए प्रति क्विंटल एमएसपी निर्धारित करेगी।

किसानों के साथ-साथ कृषि मजदूरों को भी तोहफा

इसके अतिरिक्त उन्होंने ये भी कहा कि तेलंगाना में कांग्रेस के सत्ता में आते ही किसानों के अच्छे दिन शुरू हो जाएंगे। इसके साथ-साथ कांग्रेस महासचिव ने और भी कई बड़े ऐलान किए हैं, जिनके अंतर्गत महिलाओं को प्रति महीने ₹2500 रु के साथ ही 500 रु में गैस सिलेंडर और फ्री बस यात्रा की सुविधा दी जाएगी, वहीं किसानों को सालाना 15 हजार रूपये आर्थिक सहायता के तौर पर प्रदान किए जाएंगे। वहीं, कृषि मजदूरों के लिए ये राशि 12 हजार रूपये वार्षिक निर्धारित की गई है। इसके अलावा 200 यूनिट मुफ्त बिजली, घर बनाने के लिए मुफ्त जमीन और 5 लाख रूपये के साथ ही बुजुर्गों को मासिक पेंशन के तौर पर 4 हजार रूपये देने का ऐलान किया गया है।

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एमएसपी के लिए गारंटी कानून

जैसा कि सब जानते हैं, कि किसान विगत काफी समय से एमएसपी के लिए गारंटी कानून निर्मित करने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस का यह दाव विधानसभा चुनाव में उसे जीत दिलाने की दिशा में एक बड़ा निर्णय साबित हो सकता है। आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि तेलंगाना में 30 नवंबर को 119 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होने वाले हैं, जिसका परिणाम 3 दिसंबर को घोषित किया जाएगा। किसानों के लिए किए गए वादों को पूरा करेगी या नहीं ये एक अलग बात है, लेकिन किसान के लिए इन घोषणाओं का वास्तविकता में तब्दील होने बेहद जरूरी है। क्योंकि, भारत एक कृषि प्रधान देश है।
KCC वाले किसानों का कर्ज माफ, ऐसे देखें सूची में अपना नाम

KCC वाले किसानों का कर्ज माफ, ऐसे देखें सूची में अपना नाम

भारत के लघु एवं सीमांत किसानों की ऋण माफी के लिए किसान कर्ज माफ योजना का संचालन किया जा रहा है। बतादें, कि बिल्कुल इसी तर्ज पर झारखंड सरकार भी किसान कर्ज माफी योजना का संचालन कर रही है, जो राज्य के किसानों को कर्ज के भार से बड़ी राहत पहुंचाएगी। प्रदेश के किसानों के विकास के लिए यह सराहनीय प्रयास किया गया है।

इस योजना के लिए प्रति वर्ष राज्य के हजारों किसान आवेदन करते हैं। आवेदन पूरे हो जाने के बाद सरकार राज्य के पात्र किसानों के नाम की एक सूची तैयार करती है, जिसको हम किसान कर्ज माफी सूची के नाम से जानते है। 

अगर आप भी किसान कर्ज माफी का आवेदन कर चुके हैं, तो आपको भी जारी होने वाली अप्रैल सूची अवश्य देख लेनी चाहिए।

यह योजना झारखंड के किसानों के लिए वरदान 

यह योजना राज्य के कृषकों के लिए एक वरदान साबित होने वाली है। क्योंकि, इस योजना के अंतर्गत किसानों की आर्थिक स्थिति ठीक बनी रहेगी। 

जैसा कि आपको पता होगा कि कई किसान अच्छी खेती करने के लिए कर्ज ले लेते हैं पर उनकी आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वह कर्ज को चुका नहीं पाते। लेकिन, अब आपको चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। 

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क्योंकि, सरकार राज्य के किसानों का एक लाख तक का ऋण माफ कर रही है। इस योजना के अंतर्गत सिर्फ उन्हीं किसानों का कर्ज माफ किया जा रहा है, जिन्होंने आवेदन की प्रक्रिया को पूरा किया था और वह पात्र पाए गए थे।

अप्रैल किसान कर्ज माफी सूची जल्द जारी होगी 

अप्रैल किसान कर्ज माफी लिस्ट जल्द से जल्द जारी हो सकती है। क्योंकि अप्रैल माह का प्रारंभ हो चुका है। अगर आपने भी आवेदन किया है, तो समय-समय पर सूची जरूर देखते रहें। 

जिससे कि आपको यह पता चल जाए की जारी की गई इस सूची में आपका नाम शामिल है या नहीं। यह सूची एक तरह से लाभार्थी सूची होती है। मतलब कि इस सूची में जिस किसान का नाम होता है, वह इस योजना के लिए पात्र माने जाएंगे।

झारखंड सरकार द्वारा कर्ज माफी का प्रमुख उद्देश्य 

राज्य के किसानों को कर्ज मुक्त करना ही राज्य सरकार का परम उद्देश्य है। यह योजना न सिर्फ किसान का कर्ज माफ करती है। साथ ही, किसानों को मानसिक बल भी प्रदान करती है, जिससे किसान किसी भी अनैतिक घटना से बच जाते हैं। 

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क्योंकि कर्ज के चलते गरीब किसान कुछ ऐसे कदम उठा लेते हैं, जिसकी भरपाई करना बहुत बारी असंभव हो जाता है। लेकिन, सरकार का उद्देश्य स्पष्ट है कि राज्य के किसानों का विकास हो और वह निरंतर खेती किसानी करते रहें। 

कैसे चेक करें कर्ज माफी की लिस्ट

  • अप्रैल माह की किसान कर्ज माफी लिस्ट को चेक करने के लिए आप इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। 
  • वेबसाइट के होमपेज पर ऋण मोचन की स्तिथि के विकल्प पर क्लिक करें। 
  • नया पेज खुल जाएगा, जिसमें आपको जिला, तहसील, ग्राम आदि के नामो का चुनाव करना पड़ेगा। 
  • अब आपको “खोजे” वाला विकल्प मिल जाएगा, जिसे आपको क्लिक कर देना है। 
  • अब इसके बाद आपके सामने अप्रैल किसान कर्ज माफी लिस्ट आ जाएगी। इस लिस्ट में आप अपने नाम को बड़ी ही आसानी से ढूंढ सकते हैं।

जानिए भाजपा और कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्रों में किसानों के लिए क्या-क्या ऐलान किए हैं ?

जानिए भाजपा और कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्रों में किसानों के लिए क्या-क्या ऐलान किए हैं ?

चैत्र की छठी देवी माँ कात्यायनी एवं बाबा साहेब अंबेडकर के जन्मोत्स्व पर लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर भाजपा ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। कांग्रेस अपना घोषणा पत्र पहले ही जारी कर चुकी है। 

आज हम आपको बताएंगे कांग्रेस और भाजपा द्वारा अपने घोषणापत्र में किसानों के लिए क्या-क्या बड़ी घोषणाएं की गई हैं। 

भाजपा ने किसानों से एमएसपी में वृद्धि, तीन करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने सहित बहुत सारे अन्य वादे किए हैं। 

भाजपा के घोषणा पत्र में किसानों के लिए भी कई बड़े ऐलान किए गए हैं। किसानों के लिए की गई घोषणाओं को 'किसानों का सम्मान-मोदी की गारंटी' नाम दिया गया है। 

भाजपा ने किसानों से एमएसपी में बढ़ोतरी, तीन करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने समेत कई अन्य वादे किए हैं। आइए आपको विस्तार से बताते हैं की भाजपा ने अपने घोषणापत्र में किसानों के लिए क्या-कुछ ऐलान किए हैं। 

किसानों के लिए कांग्रेस की क्या-क्या गारंटी है ?

  1. MSP को स्वामीनाथन आयोग के फार्मूले के तहत कानूनी दर्ज़ा देने की गारंटी। 
  2. किसानों के ऋण माफ़ करने और ऋण माफ़ी की राशि निर्धारित करने के लिए एक स्थायी ‘कृषि ऋण माफ़ी आयोग’ बनाने की गारंटी। 
  3. बीमा योजना में परिवर्तन कर फसल का नुकसान होने पर 30 दिनों के भीतर सीधे बैंक खाते में भुगतान सुनिश्चित करने की गारंटी। 
  4. किसानों के हित को आगे रखते हुए एक नई आयात-निर्यात नीति बनाने की गारंटी। 
  5. कृषि सामग्रियों से GST हटा कर किसानों को GST मुक्त बनाने की गारंटी। 

भाजपा ने किसानों के लिए क्या-क्या घोषणाएं की गई हैं ?

भाजपा के घोषणापत्र के अनुसार, किसानों का सम्मान व सशक्तिकरण भाजपा की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। भाजपा बीते दस वर्षों में सॉइल हेल्थ कार्ड, सूक्ष्म सिंचाई, फसल बीमा, आसानी से बीज की उपलब्धता जैसी विभिन्न नीतियों एवं पीएम किसान सम्मान योजना के अंतर्गत सीधे उनके खातों में वित्तीय सहायता प्रदान करके किसानों को मजबूत बनाया है। भाजपा ने एमएसपी में भी निरंतर बढ़ोतरी की है। भाजपा आगे भी अपने किसान परिवारों की आय को बढ़ाने के लिए कार्य करेगी।

पीएम किसान योजना से किसानों को करेंगे मजबूत: किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 6,000 रुपये की वार्षिक वित्तीय सहायता दी जाती है। किसानों को निरंतर वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए भाजपा आगे भी कार्य करेगी। 

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पीएम फसल बीमा योजना में मजबूती:  फसल के नुकसान का शीघ्र और सही मूल्यांकन, समयबद्व भुगतान और किसानों की समस्याओं का शीघ्र समाधान सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा। 

एमएसपी में बढ़ोतरी: प्रमुख फसलों के लिए एमएसपी में अभूतपूर्व वृद्धि के साथ आगे भी समयबद्ध तरीके से एमएसपी में वृद्धि को जारी रखा जाएगा। 

दाल और खाद्य तेल में आत्मनिर्भरता: भारत को दाल (जैसे अरहर, उड़द, मसूर, मूंग और चना) और खाद्य तेल (जैसे सरसों, सोयाबीन, तिल और मूंगफली) के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए अन्नदाताओं को समृद्ध बनाया जाएगा। 

सब्जी उत्पादन और स्टोरेज के लिए नए क्लस्टर बनेंगे: अन्नदाताओं को आवश्यक कृषि इनपुट प्रदान करके पौष्टिक सब्जियों की पैदावार बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही टमाटर, आलू, प्याज आदि जैसी जरूरी सब्जियों की पैदावार के लिए नवीन क्लस्टर निर्मित किए जाएंगे। इन क्लस्टर्स में भंडारण और वितरण की सुविधाएं भी प्रदान की जाएगी।